दिल्ली प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको ने दिया इस्तीफा

दिल्ली विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस में एक तरफ जहां रार छिड़ी है, वहीं इस्तीफों का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। अब दिल्ली प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके पहले प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने चुनाव में कांग्रेस की करारी हार की नैतिक जिम्मेदारी लेकर मंगलवार को इस्तीफा सौंप दिया था। बता दें कि दिल्ली चुनाव में इसबार भी कांग्रेस खाता नहीं खोल सकी है। 


दिल्ली में कांग्रेस की दुर्गति के लिए चाको पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को दोषी ठहरा कर कहा,कांग्रेस पार्टी का डाउनफॉल 2013 में शुरू हुआ, जब शीला जी सीएम थीं। एक नई पार्टी आप ने पूरे कांग्रेस वोट बैंक को छीन लिया। तब से हम दिल्ली में कभी वापस नहीं कर सके। यह अभी भी आप के साथ बना हुआ है।' बता दें कि कभी दिल्ली में शीला दीक्षित के नेतृत्व में लगातार 15 साल तक राज करने वाली कांग्रेस लगातार दो विधानसभा चुनावों में अपना खाता भी नहीं खोल सकी है। दिल्ली चुनाव में कांग्रेस ने अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन किया। पार्टी को पांच फीसदी से भी कम वोट मिले हैं। कांग्रेस के 66 में से 63 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।


कांग्रेस के 3 उम्मीदवार गांधी नगर से अरविंदर सिंह लवली, बादली से देवेंद्र यादव और कस्तूरबा नगर से अभिषेक दत्त ही अपनी जमानत बचा सके। दिल्ली में कांग्रेस ने पहली बार राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा। पार्टी ने 66 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे जबकि चार सीटें सहयोगी दल के लिए छोड़ी थी। अगर किसी उम्मीदवार को निर्वाचन क्षेत्र में डाले गए कुल वैध मतों का छठा भाग नहीं मिलता है, तो उसकी जमानत जब्त हो जाती है। कांग्रेस के अधिकतर प्रत्याशियों को कुल वोटों के पांच प्रतिशत से भी कम वोट मिले।


हालत यह रही कि दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा की बेटी शिवानी चोपड़ा की कालकाजी सीट से जमानत जब्त हो गई। विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष योगानंद शास्त्री की बेटी प्रियंका सिंह की भी जमानत जब्त हो गई। कांग्रेस प्रचार समिति के अध्यक्ष कीर्ति आज़ाद की पत्नी पूनम आजाद भी संगम विहार सीट पर अपनी जमानत नहीं बचा पाईं। 
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